* देवी त्रिपुरा के नौ
रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.
* देवी त्रिपुरा का आठवां स्वरूप देवी महागौरी हैं.
* वैसे तो नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की
पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन जिन्हें राहु के कारण मतिभ्रम है, पढ़ाई में मन नही लगता
है, गुप्त शत्रु से परेशान हैं,
तो प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की
अष्टमी पर देवी महागौरी की पूजा करें, व्रत रखें!
* देवी महागौरी भोलेनाथ की अर्धांगिनी है जिन्होंने कठोर तपस्या के बाद शिवजी
को अपने पति के रुप में प्राप्त किया था.
* देवी महागौरी की चार भुजाएं है जिनमें से उनके दो हाथों में डमरू और त्रिशूल
है और शेष दो हाथ- अभय और वर मुद्रा में है.
* देवी महागौरी की पूजा-अर्चना से राहु ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है.
* जिन श्रद्धालुओं की राहु की दशा-अंतर्दशा चल रही हो उन्हें
देवी महागौरी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
* जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता हो उन्हें भी देवी महागौरी की
उपासना करनी चाहिए.
* बॉलीवुड में कामयाबी के लिए महागौरी की आराधना करें.
* संतान के रूप-सौन्दर्य-वैभव प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं को
देवी महागौरी की आराधना करनी चाहिए.
* जिन श्रद्धालुओं को रहस्यमय एवं अज्ञात शत्रुओं से भय हो
उन्हें देवी महागौरी की रक्षार्थ आराधना करनी चाहिए.