प्रदीप द्विवेदी (Pradeep Dwivedi). यदि 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की मौत नहीं हो जाती तो उसके हाथ की रेखाएं कहती हैं कि वह मानसिक तनाव में जरूर था, लेकिन उसकी जिंदगी अभी बाकी थी.
14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके फ्लैट से मिला था. अभी तक इस मामले की जांच महाराष्ट्र और बिहार, दो राज्यों की पुलिस अलग-अलग कर रही थी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है, लिहाजा अब मामले की जांच सीबीआई करेगी.
जहां, मुंबई पुलिस एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जांच कर रही है और उसने सुशांत से जुड़े पचास से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार पुलिस सुशांत के पिता केके सिंह की ओर से पटना के राजीव नगर थाने में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच के लिए मुंबई पहुंची थी.
इस मौत के कारणों की जांच को लेकर, इस दौरान दोनों राज्यों की पुलिस के बीच टकराव भी सामने आया.
जहां, मुंबई पुलिस का कहना है कि घटना मुंबई की है, इसलिए जांच का काम भी मुंबई पुलिस का ही है, वहीं मुंबई में जांच करने पहुंची बिहार पुलिस का कहना है कि एफआईआर उनके यहां दर्ज हुई है, इसलिए उन्हें पूरा अधिकार है कि वे जांच करें.
उल्लेखनीय है कि सुशांत के पिता कृष्ण कुमार सिंह ने 25 जुलाई 2020 को पटना के राजीव नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई जिसमें एक्ट्रेस और स्वयं को सुशांत की गर्लफ्रेंड बताने वालीं रिया चक्रवर्ती के विरूद्ध पैसा ऐंठने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.
महाराष्ट्र और बिहार पुलिस में मतभेद के बीच केंद्र ने बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है, इसलिए अब मामले की जांच सीबीआई करेगी.
सुशांत के हाथ की रेखाओं पर नजर डालें तो उनकी जीवन रेखा अच्छी थी, मतलब उनकी जिंदगी बाकी थी, इसलिए यदि उनका वह खराब समय निकल जाता तो वे आज जिंदा होते. उनकी मस्तिष्क रेखा बीच में टूटी हुई थी, लिहाजा उनका कुछ समय बड़े मानसिक तनाव से गुजरना था, वह समय निकल जाता तो वे फिर से सही स्थिति में आ जाते.
यही नहीं, उनकी हृदय रेखा भी मस्तिष्क रेखा की ओर झूकी हुई थी, मतलब उनका दिल, दिमाग के प्रभाव में था.
सुशांत सिंह राजपूत की प्रचलित जन्म कुंडली पर नजर डालें तो उनके लग्न में राहु है जबकि कुंडली में आंशिक कालसर्प योग है, जिसमें मानसिक क्षमता का प्रमुख ग्रह चन्द्र अकेला बाहर है. महादशा देखें तो 3 जुलाई 2000 से 3 जुलाई 2018 तक फिल्म के कारक राहु ग्रह की दशा में वे बेहद कामयाब रहे, लेकिन इसके बाद मारकेश गुरु की महादशा शुरू हुई, जिसके कारण उनका मानसिक तनाव बढ़ता गया.
उनका वर्षफल अच्छा था, लेकिन उसमें राहु की खराब दशा 1 जून से 25 जुलाई 2020 तक रही, जिसने उन्हें खतरे में डाल दिया.
हर व्यक्ति की फिंगरप्रिंट एकदम अलग होती हैं, बहुत कुछ कहती है, तो हर व्यक्ति की हाथ की रेखाएं भी अलग होती हैं.
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओं के आधार पर भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी मिलती है, अच्छा होगा यदि इसे वैज्ञानिक आधार पर क्रास चैक किया जाए, ताकि फिंगरप्रिंट की तरह इस नाॅलेज का भी उपयोग किया जा सके!
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