एस्ट्रोम्यूजिक! निराश प्रेमी दूसरे प्रहर में सुनें- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए….
प्रदीप द्विवेदी (ज्योतिर्संगीत). सदियों से मानव जीवन में संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जहां सकारात्मक संगीत व्यक्ति को प्रेरणा दे सकता है, उत्साहित कर सकता है, उम्मीद जगा सकता है, वहीं नकारात्मक संगीत व्यक्ति को निराश कर सकता है, उदासी दे सकता हैे, बेचैन कर सकता है! किसी व्यक्ति के लिए कौनसा संगीत सकारात्मक है और कौनसा नकारात्मक है, यदि यह जान लिया जाए तो जीवन के मधुर सुर साधे जा सकते हैं? भारत में संगीत के जन्म की अनेक कथाएं हैं, संगीत की रचना शिव ने की, जिनसे नारद ने संगीत सीखा और भूलोक को सिखाया! ज्योतिष और संगीत का गहरा रिश्ता है, क्योंकि विभिन्न रागों का जन्म अलग-अलग नक्षत्रों में हुआ है, इसलिए ये राग व्यक्ति विशेष के जन्म नक्षत्र के सापेक्ष सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं? प्रेम में अक्सर नाकामयाब लोग अवसाद का शिकार हो जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए सरस्वतीचन्द्र का गीत- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. अवसाद मुक्ति प्रदान कर सकता है! संगीत के जानकारों के अनुसार- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. गीत, राग चारुकेशी पर आधारित है, जिसे बजाने-सुनने का समय दिन का दूसरा प्रहर है, दूसरा प्रहर मतलब…. दोपहर तक के करीब तीन घंटे, लगभग प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक, यह गीत है….
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए, ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए, प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं, प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए! तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या, तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या, मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं, खुशबू आती रहे दूर से ही सही, सामने हो चमन कोई कम तो नहीं, चांद मिलता नहीं सबको संसार में, है दिया ही बहुत रोशनी के लिए! छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. कितनी हसरत से तकती हैं कलियां तुम्हें, क्यूँ बहारों को फिर से बुलाते नहीं, एक दुनिया उजड़ ही गई है तो क्या, दूसरा तुम जहां क्यूँ बसाते नहीं, दिल ने चाहा भी तो, साथ संसार के, चलना पड़ता है सब की खुशी के लिए! छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए, ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए, प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं, प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए!!