क्रिकेटर के जादूगर सलीम दुर्रानी का रविवार को 88 साल की उम्र में जामनगर में निधन हो गया, वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित चल रहे थे. सलीम दुर्रानी पहले क्रिकेटर हैं, जिन्हें 1960 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था. खबरों की मानें तो…. उन्होंने अपने समय में 29 टेस्ट मैच खेले, 1202 रन बनाए, 1 शतक और 7 अर्धशतक लगाए, 755 विकेट लिए. दर्शको की मांग पर छक्का जड़ने के लिए फेमस सलीम दुर्रानी ने सत्तर के दशक में बांसवाड़ा के कॉलेज ग्राउंड पर भी यह करिश्मा दिखाया था, लेकिन मजेदार बात यह हे कि यह करिश्मा दिखाने से पहले ही वे आउट हो गए, संभवतया दिलीप नागर की गेद पर वे आउट हो गए थे, लेकिन उनका खेलना जारी रहा और उन्होने बांसवाड़ा के दर्शको की मांग पर भी छक्का जड़ने का करिश्मा दिखाया था. तब बांसवाड़ा के गोकुल टॉकीज में उनकी फिल्म चरित्र भी लगी थी. उन्होंने फेमस क्रिकेटर हनुमंत सिंह (बांसवाड़ा) की कप्तानी में कई मैच खेले, ऐसे ही एक मैच का दिलचस्प किस्सा बीबीसी न्यूज ने दिया है…. सलीम दुर्रानी के दोस्त और अपने ज़माने के मशहूर मीडियम पेसर कैलाश गट्टानी याद करते है कि एक बार राजस्थान और हैदराबाद के बीच रणजी ट्रॉफी मैच हो रहा था. हैदराबाद की ओर से टाइगर पटौदी बैटिंग कर रहे थे. कैलाश गट्टानी अपना पहला ओवर डाल चुके थे. जब वो दूसरे ओवर के लिए अपने बॉलिंग रन अप पर जा रहे थे, दुर्रानी ने उनसे कहा कि तुम थोड़ा आराम करो. मैं गेंदबाजी करूंगा. इसके बाद कैलाश गट्टानी शिकायत के अंदाज में कप्तान हनुमंत सिंह के पास गए. हनुमंत ने कहा- अगर दुर्रानी ऐसा कर रहे हैं तो ज़रूर इसके पीछे कोई कारण होगा. दुर्रानी ने नई गेंद से पटौदी को ऑफ स्टंप पर तीन गेंदे खिलाई और चौथी गेंद उन्होंने लेग स्टंप पर डाली जो स्पिन हुई और पटौदी का ऑफ स्टंप ले उड़ी. मैच पूरी तरह से पलट गया. अगले ओवर में जब कैलाश गट्टानी अपनी फील्डिंग पोजीशन पर जाने लगे तो सलीम ने कहा- ये लो पकड़ो अपनी गेंद और बाकी खिलाड़ियों को आउट कर लो!