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पाप-पुण्य तो भीतर है….

स्मृति शेष. श्रीकृष्ण भक्त रोमीकृष्णा चावला का रविवार दोपहर मुंबई में निधन हो गया.
ज्ञानप्रकाश चावला की धर्मपत्नी, युवराज चावला की माताश्री रोमी चावला का दोपहर एक बजे के करीब निधन हुआ. वे काफी समय से अस्वस्थ थीं.

श्रीकृष्ण भक्त रोमीकृष्णा चावला ने हनीमनी में धर्मकर्म पर आधारित अनेक प्रेरक विचार प्रस्तुत किए थे.
पाप-पुण्य तो भीतर है…. में रोमी चावला ने लिखा था- अक्सर लोग दूसरों से जानना चाहते हैं कि क्या पाप है, क्या पुण्य है, जबकि सच्चाई तो यही है कि पाप-पुण्य तो हमारे भीतर ही बसता है!
किसी और से पूछने के बजाय यदि मन को टटोलेंगे तो वही बता देगा कि क्या सही है और क्या गलत है?
और अगर तब भी राह नजर नहीं आए, उजाला नहीं दिखाई दे, तो श्रीकृष्ण का स्मरण करें, उन्हें सच्चे मन से अनुरोध करें कि सही मार्ग दिखाएं, श्रीकृष्ण जरूर सही मार्ग दिखाएंगे!

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