मुद्दा. भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण में है और उम्मीद की जानी चाहिए कि आनेवाले समय में इससे राहत मिल जाएगी, क्योंकि अभी जो मामले सामने आ रहे हैं, वे ज्यादातर पुराने हैं, लेकिन इसका भय समाप्त होने में लंबा वक्त लगेगा. इस वक्त देश में 21 दिन का लाॅक डाउन चल रहा है, किन्तु यह समय समाप्त होने के बाद क्या करना होगा, इसको लेकर उलझन है. देश में पांच तरह की मानसिकता के लोग हैं- अतिसतर्क, सतर्क, सामान्य, लापरवाह और अतिलापरवाह. जाहिर है, छूट मिलते ही सामान्य, लापरवाह और अतिलापरवाह मानसिकता के लोग सुरक्षाचक्र को तहस-नहस कर डालेंगे. बड़ा सवाल यह भी है कि लाॅक डाउन को लंबा चला कर क्या विकास का चक्र ही रोक दिया जाए, कामधंधे ही बंद कर दिए जाएं. ऐसी स्थिति में तो देश मंदी की मजबूत पकड़ में कैद हो जाएगा, मतलब…. इसके बाद तो हालात सामान्य होने में वर्षों लग जाएंगे. इस स्थिति में लाॅक डाउन समय समाप्त होने के बाद सबसे पहला कदम स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय से उठाया जाना चाहिए. यदि वे आश्वस्त कर देते हैं कि कोरोना वायरस पूरी तरह से नियंत्रण में है और आगे नहीं फैलेगा, तो सामान्य स्थिति बहाल कर देनी चाहिए. यदि वे खतरे की घंटी बजाते हैं, तो लाॅक डाउन बढ़ा देना चाहिए और यदि वे केन्द्र सरकार के विवेक पर छोड़ देते हैं तो- सवेरे 8 बजे से शाम 4 बजे तक धारा 144 एवं शाम 4 बजे से दूसरे दिन सवेरे 8 बजे तक लाॅक डाउन जारी रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि दिन में सूर्य की गर्मी में विभिन्न वायरस उतने असरदार नहीं रहते हैं, लेकिन सूर्यास्त के बाद उनका जोर बढ़ जाता है!