प्रदीप द्विवेदी ( WhatsApp- 8302755688). राजस्थान से फिल्मों का बहुत पुराना और आकर्षक रिश्ता रहा है. शुरूआत में यहां जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों में फिल्मों की शूटिंग होती रही है. गाइड, मेरा साया, यादगार, राजा जानी जैसी अनेक पुरानी फिल्में हैं, जिनकी शूटिंग राजस्थान में हुई. पहले राजस्थान के छोटे शहरों में फिल्मों की शूटिंग के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं थी, लिहाजा तब ऐसे शहरों में शूटिंग नहीं होती थी, लेकिन अब बढ़ते साधन-सुविधाओं ने छोटे शहरों की ओर भी फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि फिल्म की लागत आधे से भी कम हो जाती है!
राजस्थान में गाइड, बाजीराव् मस्तानी, बजरंगी भाईजान, बद्रीनाथ की दुल्हनिया, तमिल फिल्म “आई”, ये जवानी है दीवानी, कन्नड़ फिल्म मंगरू माले, दिल्ली 6, रंग दे बसंती, दी बेस्ट एक्सॉटिक मैरीगोल्ड होटल, दी दार्जलिंग लिमिटेड, द डार्क नाईट राईज, आक्टोपसी, द फाल, हौली स्मोक!, वन नाईट विद द किंग, द सेकंड बेस्ट एक्सोटिक मैरीगोल्ड होटल, सेंटर फ्रेश, क्लोर्मिंट आईस, मारुति सर्विस स्टेशन, सियाराम, फेविकोल जैसी अनेक फिल्मों का फिल्मांकन हुआ है.
यहां बांसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, चित्तौड़गढ़, बीकानेर, अलवर, कोटा, जैसलमेर, बूंदी, पुष्कर जैसे अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहां शुटिंग करने पर फिल्म की लागत घटाई जा सकती है. राजस्थान में शुटिंग की जगहों की जानकारी प्रदेश सरकार की इस वेब साइट पर उपलब्ध है….
http://www.tourism.rajasthan.gov.in/film-tourism.html
Rajasthan Film Shooting Regulations, 2016…. राजस्थान फिल्म शूटिंग विनियम, 2016 की जानकारी इस प्रकार है….
………………………………..
शूटिंग स्पाॅट…. जिसने ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी को किया प्रभावित, ऐसा है- बेहद खूबसूरत बांसवाड़ा!
प्रदीप द्विवेदी ( WhatsApp- 8302755688 ). फिल्मों और टीवी सीरियल की शूटिंग लगातार महंगी होती जा रही है. यही वजह है कि कई फिल्म निर्माता सस्ते, नए और बेहतर शूटिंग स्पाॅट के बारे में सोचते रहते हैं, लेकिन समय की कमी और जानकारी के अभाव में ऐसे शूटिंग स्पाॅट के बारे में उन्हें पता नहीं चलता है. बाॅलीवुड बाजार गाइड देश के ऐसे शूटिंग स्पाॅट के बारे में नियमित रूप से जानकारी दे रहा है- शूटिंग स्पाॅट काॅलम में!
देश में ऐसी कई जगह हैं, जहां शूटिंग करने पर बेहतर परिणाम के साथ-साथ लागत आधी से भी कम हो सकती है. यही नहीं, शूटिंग के लिए कुछ अलग तरह की जरूरतें भी आसानी से पूरी हो सकती है, जैसे- पुराने पानी के जहाजों से जुड़ी फिल्म के लिए भावनगर अच्छी जगह हो सकती है, तो डूबे कस्बे की शूटिंग के लिए खांदू, गलियाकोट जैसी जगहें बेहतर साबित हो सकती हैं. आदिवासी जनजीवन पर फोकस फिल्मों के लिए कुशलगढ़, झाबूआ, झालौद जैसे क्षेत्र उपयोगी हो सकते हैं. प्रकृति ने बांसवाड़ा को इतना कुछ दिया है कि यहां कई तरह की फिल्मों का फिल्मांकन हो सकता है. यहां झरने हैं, हरेभरे पहाड़ हैं, बहती नदियां हैं, पुराने मंदिर हैं, नए-पुराने कस्बे हैं, खेत हैं, आधुनिक बांध हैं, सबसे बड़े साइफन हैं, जंगल हैं, आदिवासी जनजीवन है, रहस्य-रोमांच से भरपूर क्षेत्र भी हैं.
पिछले साल खूबसूरत अभिनेत्री हेमा मालिनी बांसवाड़ा आई थी और यहां की प्राकृतिक खूबसूरती की कायल हो गई. हेमा यहां रवींद्र ध्यान आश्रम में कृष्ण नृत्य नाटिका की प्रस्तुति के लिए आई थीं. वर्षों बाद बांसवाड़ा में ऐसी बेहतर नृत्य प्रस्तुति हुई, सातवें दशक में सुप्रसिद्ध नृत्य निर्देशक गोपीकृष्ण ने बांसवाड़ा में ऐसी ही श्रेष्ठ प्रस्तुति दी थी. तब यहां के नजारे देखकर उन्होंने कहा था कि- जी चाहता है कि यहीं रह जाउं!
दरअसल, राजस्थान को याद करते ही लोगों को रेगीस्तान की याद आ जाती है, लेकिन दक्षिण राजस्थान पर प्रकृति मेहरबान है! यहां दूर-दूर तक रेगीस्तान नहीं है और इसीलिए बांसवाड़ा में पहली बार आने वाले को यकीन ही नहीं होता कि वह राजस्थान में है?
हेमा मालिनी अपनी बांसवाड़ा यात्रा के दौरान यहां की प्रसिद्ध देवी त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में पहुंची थी और देवी के दर्शन किए थे.
बांसवाड़ा में शूटिंग के लिए यहां की पहली वागड़ी फिल्म के कलाकार- भंवर पंचाल (9414620080), जगन्नाथ तेली (7339977991), सालेह सईद (दुबई), सतीश आचार्य, जनसम्पर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा सहित अनेक स्थानीय जानकारों का सहयोग प्राप्त हो सकता है.
आइए, देखते हैं…. कितना खूबसूरत है बांसवाड़ा!
बांसवाड़ा. अरथुना-माही महोत्सव के दौरान बांसवाड़ा पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री- अनएक्सप्लोर्ड बांसवाड़ा, देश-दुनिया तक चर्चा में है। इस डॉक्यूमेंट्री का निर्माण जिला प्रशासन के लिए हरिप्रेम फिल्म्स के नितिन समाधिया द्वारा किया गया है, जबकि निर्देशन व स्क्रीप्ट जनसम्पर्क उपनिदेशक कमलेश शर्मा की है, तो देखिए! कितना खूबसूरत है बांसवाड़ा….
http://www.tourism.rajasthan.gov.in/hi/banswara.html
बांसवाड़ा और रतलाम के बीच हवाई अड्डा स्थापित किया जाए, बांसवाड़ा में फिल्म सिटी बने!
जयपुर,बांसवाड़ा (WhatsApp- 8302755688). पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के निर्देशक प्रदीप द्विवेदी ने केन्द्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि बांसवाड़ा और रतलाम के बीच हवाई अड्डा स्थापित किया जाए. इसके अलावा, बांसवाड़ा के माही काॅलोनी परिसर में फिल्म सिटी स्थापित की जाए.
उन्होंने पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया सहित इस क्षेत्र के सभी विधायकों और सांसद से अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र के विकास का एक नया अध्याय शुरू करने वाले इस कार्य में समर्थन-सहयोग प्रदान करें.
इसके लिए, पीएम नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस विषयक पत्र भी भेजे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा और रतलाम, दोनों ही हवाई सेवा से वंचित हैं. इन शहरों के बीच फासला करीब अस्सी किमी का है, इसलिए यदि रतलाम-बांसवाड़ा के बीच हवाई अड्डा स्थापित होता है तो यह दोनों जिलों के लिए उपयोगी तो होगा ही, आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी होगा. बांसवाड़ा में हवाई सेवाओं का तो अभाव है ही, यहां की रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल सेवा के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह है.
देश के कई प्रमुख व्यक्ति और फिल्म यूनिट बांसवाड़ा आना चाहते हैं, लेकिन हवाई सेवा के अभाव में इधर आने से बचते हैं, जबकि फिल्म और टीवी सीरियल निर्माण की दृष्टि से बांसवाड़ा बेहद आकर्षक है और फिल्मी बजट की नजर से भी बहुत सस्ता है. आजकल महानगरों में फिल्म और टीवी सीरियल निर्माण में गैर-जरूरी लागत लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण फिल्म और टीवी सीरियल का बजट दोगुना से ज्यादा हो रहा है. यही वजह है कि कई फिल्म निर्माता महानगरों को छोड़कर अन्यत्र संभावनाएं तलाश रहे हैं.
बांसवाड़ा शहर में माही काॅलोनी परिसर को यदि फिल्म सिटी के रूप में विकसित किया जाए तो बांसवाड़ा विकास के एक नए युग में प्रवेश कर लेगा. फिल्म सिटी से जुड़ने के इच्छुक फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को यहां के भवन बेचे भी जा सकते हैं और फिल्म निर्माताओं को किराए पर भी दिए जा सकते हैं.
रतलाम के पास, निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है, जो लगभग 140 किमी दूर है, तो बांसवाड़ा का निकटतम हवाई अड्डा 160 किमी दूर उदयपुर में है.
इस क्षेत्र के हजारों लोग देश-विदेश में कार्यरत हैं, हवाई सेवा के अभाव में जिन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
…………………………………
शूटिंग स्पाॅट…. खूबसूरत बांसवाड़ा और भी सुंदर बनेगा!
जयपुर. जनजाति क्षेत्रीय विकास, राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि राज्य सरकार बांसवाड़ा शहर के विकास केे लिए कृत संकल्पित है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहर के विकास के लिए 80 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है, जिससे शहर में विकासोन्मुख कई कार्य करवाये जाएंगे.
यह बात उन्होंने रातीतलाई में नेशनल हाईवे की तर्ज पर 33 लाख रूपये की लागत से बनने वाली एक किलोमीटर लंबी एवं 7 मीटर चैड़ी मुख्य सड़क का शुभारंभ करने के बाद आयोजित समारोह में व्यक्त की.
बामनिया ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं विकास के पूरोधा स्वर्गीय हरिदेव जोशी को नमन व याद करते हुए कहा कि आज बांसवाड़ा के विकास के जो प्रयास किये जा रहें जिससें उनका सपना साकार स्वरुप ले रहा है.
अर्जुनसिंह बामनिया ने समाईमाता तक आने-जाने के लिए सड़क का निर्माण करवाये जाने के लिए दो करोड़ रूपये की भी घोषणा की एवं आगामी अप्रेल माह तक मोक्षधाम के विकास तथा एनीकट निर्माण की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत है. इस दिशा में चाचाकोटा को पर्यटन स्थल बनाने के लिए 50 लाख रूपये का तखमीना तैयार किया जा रहा है. बामनिया ने कहा कि बांसवाड़ा में 4 करोड़ की लागत से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का तरणताल भी बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि बांसवाडा शहर को स्वच्छ व सुन्दर बनाने के लिए भरसक प्रयास किये जाएगे इसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि शहर के सौन्दर्यकरण के अनेको योजनाएं तैयार की जा रही हैं. इस अवसर पर उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भारतीय विद्या भवन स्कूल के पास बने पुल को चैड़ा करने हेतु प्रस्ताव तैयार करने तथा दो-चार दिन में ही सर्वे करने के निर्देश दिये.
इस अवसर पर नगर परिषद् की सभापति मंजुबाला पुरोहित, समाजसेवी, नगर परिषद् के आयुक्त प्रभुलाल भाबोर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी, पार्षदगण और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.
बांसवाड़ा के पर्यटन विकास के लिए होंगे चौतरफा प्रयास, पर्यटन से जुड़े सभी क्षेत्रों के सहयोग से किया जाएगा सामूहिक प्रयास!
बांसवाड़ा. प्राकृतिक सौन्दर्य और नैसर्गिक सम्पदा के साथ ही पर्यटन विकास की दृष्टि से अपार संभावनाओं से भरे-पूरे बांसवाड़ा जिले के व्यापक पर्यटन विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए पर्यटन से जुड़े सभी क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाओं, विभागों व विशेषज्ञों आदि का सहयोग लेकर समन्वित एवं कारगर कार्य किए जाएंगे।
यह संकल्प जिला कलक्टर आशीष गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को सम्पन्न जिला पर्यटन उन्नयन समिति की बैठक में लिया गया। इसमें उन्नयन समिति के संरक्षक महारावल जगमालसिंह, शताब्दी वेलफेेयर के मुज्जफर अली,शैलेन्द्र भट्ट, हेमांग जोशी, दिपेश शर्मा, सेवानिवृत रेंजर सज्जनसिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में बांसवाड़ा जिले के पर्यटन विकास के लिए हरसंभव प्रयासों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। जिला कलक्टर ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं गुजरात सहित देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को बांसवाड़ा की ओर आकर्षित करने, पर्यटन स्थलों व रूट के विकास तथा पर्यटन से संबंधित सभी प्रमुख स्थलों को और अधिक निखारने एवं इनके विकास के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विकास की रूपरेखा तय करने और इससे संबंधित कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े टूर ऑपरेटर्स व पर्यटन विकास में सहभागी सिद्ध होने वाले प्रतिनिधियों व संस्थाओं की सेमिनार आयोजित की जाएगी और इसमें प्राप्त सुझावों के अनुरूप विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर बांसवाड़ा के पर्यटन विकास को गति प्रदान की जाएगी।
बैठक में जिले में पर्यटन स्थलों के संरक्षण व विकास, पर्यटन सर्किट और रूट, पर्यटकों की आवाजाही में अभिवृद्धि के लिए किए जा सकने वाले सभी संभव प्रयासों आदि पर गहन चर्चा की गई। सभी ने पर्यटन विकास के लिए समर्पित भागीदारी का विश्वास व्यक्त किया।