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अनिता: इस तरह से मिल सकता है आधी दुनिया को पूरा हक!

हनीमनी. कुछ वर्षों पूर्व जब… आधी दुनिया, पूरा हक… की चर्चा की थी तो कईं लोगों का सवाल था कि… विचार अच्छा है, पर हम क्या कर सकते हैं?
मेरा विनम्र निवेदन है कि हर व्यक्ति इस अभियान में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष सहयोग कर सकता है, सबसे पहला कार्य तो यह है कि नारी को वह सम्मान प्रदान करें जो उसके सेल्फ रेस्पेक्ट… स्वाभिमान और आत्मविश्वास के लिए जरूरी है!
इसके अलावा… प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े कार्यों के दौरान कुछ समय निकालें जो आधी दुनिया को पूरा हक दिलाने के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तौर पर सहायक है!
जैसे… एक डॉक्टर क्या कर सकता है?
महिलाओं के विकास के लिए सबसे जरूरी है… बेहतर सेहत!
एक डॉक्टर महिलाओं को बेहतर सेहत के लिए प्रत्यक्ष योगदान भी दे सकता है और उन्हें सेहत को लेकर जो भ्रंतियां है उनसे से संबंधित नॉलेज बढ़ानेवाली जानकारियां भी दे सकता है, जैसे पीरियड्स को लेकर महिलाओं को कईं भ्रांतियां हैं, बल्कि युवतियां तो कई बार इस दौरान असहाय महसूस करती हैं!
इस संबंध में मुंबई में एमएलए डॉ. भारती लवेकर ने युवतियों के लिए बेहतर सेहत, स्वच्छता और नॉलेज बढ़ाने के लिए कई बेहतर काम किए हैं!
इसकी जरूरत को ऐसे समझा जा सकता है कि… फेमस एक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना फिल्म पैडमैन के प्रमोशन के लिए गईं  तो उन्होंने अपने जीवन की एक घटना बयां की, जिसे समाज एक शर्म का सब्जेक्ट मानता है!
खबर है कि… ट्विंकल खन्ना ने एक दर्शक से बातचीत में कहा कि मुझे याद है जब मैं बोर्डिग स्कूल में थी तो वहां मुझे इन सब के बारे में बताने के लिए मेरे साथ मां या मौसी नहीं थीं… एक दिन स्कूल कैंटीन में मुझे लगा कि मेरे यूनीफॉर्म में दाग लग गया है, मैं कपड़े बदलने के लिए तुरंत भागी… मैं खुशकिस्मत थी कि वह दाग केवल मैंने देखा, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त में दक्षिण भारत में एक शिक्षक ने 12 वर्षीय एक छात्रा को कक्षा से केवल इसलिए बाहर निकाल दिया, क्योंकि माहवारी के कारण उसके कपड़े और सीट पर दाग लग गए थे… वह घर गई और उसने बालकनी से कूदकर जान दे दी, तो इस सामान्य शारीरिक क्रिया को लेकर शर्मिदगी का स्तर इस स्तर का है? मुझे उम्मीद है कि पैडमैन के बाद लड़कियों में शर्म का स्तर कुछ हद तक कम होगा!
मतलब… पैडमैन जैसी फिल्में भी आधी दुनिया को पूरा हक दिलाने के लिए अच्छा काम कर सकती हैं!
उल्लेखनीय है कि… पैडमैन अरुणाचलम मुरुगननथम के जीवन पर आधारित है… वह तमिलनाडु में पैड मैन के नाम से लोकप्रिय है… पैडमै ने कम लागत वाले सेनेट्री पैड बनाने की मशीन का आविष्कार किया था… इस आविष्कार के बाद उन्हें पदम श्री से सम्मानित भी किया गया था!
कहा गया है कि… पहला सुख, निरोगी काया! जहां… डॉक्टर, महिलाओं को हैल्थ संबंधित नॉलेज देकर योगदान दे सकते हैं वहीं… नेता, विभिन्न समाज, संगठन आदि महिलाओं के लिए निशुल्क सेहत सामग्री का वितरण, ब्लड डोनेशन केम्प, चिकित्सा शिविर आदि के जरिए योगदान दे सकते हैं!
लेखक समाज में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं… महिलाओं की बेहतर सेहत के लिए कार्य करनेवाले व्यक्ति, सोसाइटी, एसोसिएशन आदि के कार्यों का प्रचार-प्रसार करके उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं ताकि शेष लोग प्रेरणा लें और उन्हें भी ऐसे कार्य करने की दिशा मिले!

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