* श्रीमती अनिता
बेटा-बेटी बराबर हैं इसे दमदार आवाज दी है…अमिताभ बच्चन ने! उन्होंने ट्विटर पर घोषणा की है कि… वह बेटा और बेटी में अपनी संपत्ति का बराबर बंटवारा करेंगे। इस बारे में खुलासा करते हुए उन्होंने एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में अमिताभ बच्चन के हाथ में एक कागज है जिस पर लिखा है… जब मैं नहीं रहुंगा, उस वक्त जो संपत्ति मैं छोड़कर जाउंगा वह मेरे बेटे और बेटी में बराबर बांटी जाएगी! इस महान विचार को प्रायोगिकरूप देनेवाले अमिताभ बच्चन शायद अपनी फिल्म पिंक से विशेष प्रभावित हैं और अब स्वयं जेंडर एक्वैलिटी को बढ़ावा देने में जुट गए हैं!
अमिताभ बच्चन की फिल्म पिंक वर्ष 2016 में आई थी। पिंक में वह एक वकील के रोल में नजर आए थे जो लड़कियों पर लगे झूठे आरोप के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ता है।
कुछ समय से बेटियों को बढ़ावा देने के लिए लोग सक्रिय हुए हैं लेकिन उनमें ज्यादातर वे हैं जिनके परिवार में केवल बेटिया हैं… कई जगहों पर बेटियों ने प्रत्यक्ष/परोक्ष तौर पर बेटों की भूमिका भी निभाई है लेकिन ऐसे परिवारों की ओर से बेटियों के समर्थन में आवाज बुलंद करने की जरूरत महसूस की जा रही थी जहां बेटा-बेटी दोनों हैं… अमिताभ बच्चन ने यह पहल करके एक उच्च आदर्श प्रस्तुत किया है… यदि इससे प्रेरणा लेकर लोग बेटा-बेटी की बराबरी के लिए प्रायोगिक निर्णय लेते हैं तो यकीनन् बेटियों को मान-सम्मान ही नहीं, उनका हक भी मिलेगा.
प्राचीन समय की सामाजिक व्यवस्थाएं आदर्श थीं और लोग भी न्यायप्रिय थे इसलिए यह कहना गलत होगा कि बेटियों को बराबरी का दर्जा प्राप्त नहीं था… शादी से पहले देवी और शादी के बाद गृहलक्ष्मी के रूप में उन्हें सम्मान दिया जाता था लेकिन बीच के काल में सामाजिक व्यवस्थाओं ने करवट बदली और इसी दौरान बाल-विवाह, भ्रूण हत्या, दहेज प्रताडऩा जैसे अत्याचारों ने बेटियों की जिंदगी नर्क बना दी थी… समाज में एक सुखद् बदलाव आ रहा है… बेटा-बेटी का फर्क मिट रहा है… अमिताभ बच्चन जैसे निर्णय ऐसे सुखद् बदलाव के लिए प्रेरणा तो हैं ही, इस बदलाव की सदिश गति बढ़ाने में भी सहायक हैं!
* March 2017