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आधी दुनिया, पूरा हक!

अनिता, हनीमनी
आधी दुनिया, मतलब… विश्व नारी समाज! के संपूर्ण हक के लिए कार्य करने की… कोशिश करने की सख्त जरूरत है, और… यह प्रयास नारी समाज को ही करना होगा?
वर्षों तक नारी समाज, पुरुष प्रधान समाज के कानून-कायदों के कारण अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन… अपनी क्षमताओं के उपयोग से दूर रहा, किन्तु… इन कुछ वर्षों में नारियों ने देश-विदेश में अपनी उपलब्धियों का परचम लहराया है… यह गर्व के लिए तो बहुत अच्छा है परन्तु हक की नजर से बहुत कम है!
ऐसा नहीं है कि प्राचीन समय में नारियों ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन नहीं किया था, बल्कि… झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसी अनेक महान नारियां हुईं जिन्होंने स्वयं को सर्वश्रेष्ठ साबित किया, लेकिन… ज्यादातर महिलाओं को न अवसर मिले… न सहयोग मिला और न ही वह सम्मान मिला जिनकी वह हकदार थीं!
कुछ वर्षों से महिलाओं ने अपनी प्रतिभाओं का जो प्रदर्शन किया है, उन्हें सलाम है! इसने यह भी साबित किया है कि… महिलाएं, प्रतिभा के क्षेत्र में… क्षमताओं के मामले में किसी से कम नहीं हैं, बस हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि उन्हें मौका मिले… उन्हें सम्मान मिले, और उन्हें सहयोग मिले, अपनी प्रतिभा का उपयोग करने का… अपनी क्षमताओं को साबित करने का?
महिलाओं को भी अपना संपूर्ण हक पाने के लिए कुछ विशेष प्रयास करने होंगे, खास तौर पर… शिक्षा-ज्ञान प्राप्ति… स्वसुरक्षा की क्षमता वृद्धि… बेहतर स्वास्थ्य पर ध्यान देने के अलावा आत्मविश्वास के साथ सेल्फ रेस्पेक्ट पर फोकस करना होगा! लेकिन… इसके साथ ही इस पर भी ध्यान देना होगा कि महिला सशक्तीकरण का भावार्थ पुरुष समाज को नीचा दिखाना नहीं है… उनसे संघर्ष करना नहीं है, बल्कि उनकी बराबरी पर आ कर अपनी प्रतिभा… अपनी क्षमता की श्रेष्ठता सिद्ध करना है?
पुरुष समाज के भी ऐसे कई सदस्य हैं जिन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण में बेहतर भूमिका निभाई है, ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करने की… प्रोत्साहित करने की जरूरत है!
जब आधी दुनिया की बात होती है तो बड़े गर्व के साथ बताया जाता है कि हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं… महिलाएं वह हर काम कर रहीं हैं जो पुरुष प्रधान कार्य हैं, लेकिन… यह अधुरा सच है, पूरा सच यही है कि नारी आजादी की शुरूआत जरूर हुई है किन्तु इस आधी दुनिया को पूरा हक दिलाने के लिए अभी अनेक प्रयास करने होंगे… ये प्रयास सरकारी स्तर पर भी और गैरसरकारी स्तर पर भी आवश्यक हैं!
अभी देश-दुनिया में महिलाएं जहां-जहां भी अपनी कामयाबी दर्ज करवा रही हैं, वे वहां कड़ा संघर्ष करके अपनी प्रतिभा के दम पर पहुंची हैं, और ये महज उदाहरण हैं, हकीकत में तो इस आधी दुनिया को… काम करने के… अपनी क्षमता दिखाने के… अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के, संघर्ष-मुक्त संपूर्ण हक मिलने चाहिएं!
इसके लिए हर स्तर पर प्रयास की जरूरत है… केन्द्र सरकार महिलाओं के लिए ऐसी योजनाएं बनाए जो केवल महिलाओं के पूरे हक के लिए हों?
जब महिलाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आरक्षण की बात आती है तो दस प्रतिशत… बीस प्रतिशत… तीस प्रतिशत जैसे सपने दिखा कर उन्हें अधुरा हक देने के रास्ते निकाले जाते हैं… जब देश में महिला और पुरुषों की आबादी तकरीबन बराबर है तो फिर… महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में पचास प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं?
आज नारी कमजोर इसलिए नहीं है कि उसमें क्षमता नहीं है या उसमें प्रतिभा नहीं है… नारी कमजोर इसलिए है कि सदियों से उसे अवसर नहीं मिले हैं, अधिकार नहीं मिले हैं… अपनी क्षमता विकसित करने के… अपना ज्ञान बढ़ाने के… अपनी प्रतिभा की पहचान बनानेे के!
आधी दुनिया, पूरा हक… नारी को उसके संपूर्ण अधिकार दिलाने की विशेष सोच है… महत्वपूर्ण अभियान है! और इस अभियान की सफलता… सभी के सक्रिय सहयोग पर निर्भर है?

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