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श्रीमती अनिता: माना कि शराब मुफ्त की हो, लेकिन शरीर तो आपका है?

शराब किसी और ने अरेंज की हो, पर शरीर तो आपका है? गुटखा कितना ही सस्ता हो, आपका जीवन तो अनमोल है? कुछ वर्षो में युवाओं का रूझान ब्यूटी पार्लर की ओर बढ़ा है, सुंदर दिखने की चाह बढ़ी है, जिम भी जाने लगे हैं लेकिन साथ ही शरीर पर नशे के हमलों से बचने में लापरवाही भी बढ़ी है!
तन, मन और जीवन की सुंदरता का ध्यान रखें तो किसी भी व्यक्ति का आकर्षक व्यक्तित्व ताउम्र बना रह सकता है. तन की सुंदरता के लिए जिम जाएं, ब्यूटी पार्लर जाएं, फैशन अपनाएं, मौसम की मार से शरीर को बचाएं. मन की सुंदरता के लिए अच्छे विचार रखें, पवित्र आचरण रखें और नशे से दूर रहें. यदि तन-मन सुंदर है तो जीवन को सुंदर बनाना बेहद आसान होगा!
नशे में डूबा व्यक्ति न केवल अपने शरीर को, अपने जीवन को बर्बाद कर रहा है बल्कि अपने परिवार, अपने प्रियजन, को भी दुख, परेशानियों और दर्द के अंधकार में धकेल रहा है. आज बाहरी खतरे बढ़ गए हैं. वातावरण प्रदूषित है, दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं, कई नई-नई बीमारियां हमले कर रहीं हैं और यदि ऐसे माहौल में नशे में डूब कर शरीर के अंदर भी दुश्मन पैदा कर लें तो फिर तबाही से कौन बचा सकता है?
कई व्यक्ति नशे से मुक्ति तो चाहते हैं, लेकिन अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं. ऐसे में हमारी ड्यूटी है कि हम उन्हें नशे के दलदल से बाहर निकलने में मदद करें. आइए, नशा मुक्त, सुंदर समाज का निर्माण करें!

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