अभिमनोज. अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने अपने सिनेमाई साथी सुपरस्टार रजनीकांत के साथ राजनीति में काम करने की इच्छा जताई है.
कमल हासन का कहना है कि अगर हमारी विचारधारा समान है और इससे लोगों का भला हो सकता है, तो हम अपने अहंकार को छोड़कर एक-दूजे के साथ सहयोग करने को तैयार हैं.
यही नहीं, खबरों पर भरोसा करें तो कमल हासन ने इशारों-इशारों में रजनीकांत की पार्टी ऑल इंडिया मक्कल सेवई कटची के साथ सियासी गठबंधन करने को लेकर उत्सुकता प्रदर्शित की है.
मक्कल निधि मैयम के अध्यक्ष कमल हासन का कहना था कि हम उनसे केवल एक फोन कॉल दूर हैं. यदि वह मुझसे संपर्क करते हैं तो हम साथ बैठेंगे और मिलकर इस पर आगे की चर्चा करेंगे.
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि रजनीकांत इसे लेकर कितनी दिलचस्पी दिखाते हैं, क्योंकि सियासी नजरिए से दोनों एक-दूजे से ज्यादा करीब नहीं हैं.
रजनीकांत से गठबंधन तो बीजेपी भी चाहती है, परन्तु इससे बीजेपी को तो फायदा हो सकता है, लेकिन रजनीकांत के सियासी नुकसान की आशंका ज्यादा है, क्योंकि वहां बीजेपी का कोई खास आधार नहीं है और उसकी विचारधारा से भी लोग ज्यादा सहमत नहीं हैं.
उधर, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन को लेकर कमला हासन का कहना था कि- हमारी पार्टी में निर्णय लेने का अधिकार मुझे दिया गया है. मैं उनके साथ गठबंधन को लेकर जल्द ही घोषणा करूंगा, लेकिन फिलहाल मैं इस पर ज्यादा नहीं कह पाऊंगा.
इसमें भी बड़ा सियासी पेच है, रजनीकांत एक बार कमल हासन के साथ तो सियासी तालमेल कर लें, लेकिन उस गठबंधन में ओवैसी के साथ कैसे रह पाएंगे?
याद रहे, वर्ष 2021 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए कमल हासन ने 13 दिसंबर 2020 को अपने राजनीतिक अभियान की शुरुआत कर दी है. उन्होंने 2018 में अपनी पार्टी बनाई थी और आम चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उनके दल से कोई सांसद नहीं बन सका था. किन्तु, इसका फायदा यह हुआ है कि उन्हें चुनाव की जमीनी हकीकत पता चल गई है और इसीलिए वे रजनीकांत के साथ सियासी गठबंधन की बात कर रहे हैं.
सियासी सयानों का मानना है कि दक्षिण भारत में सिनेमा के सितारों का सियासत में बड़ा असर रहा है, लिहाजा यदि रजनीकांत-कमल हासन साथ आए, तो बेहद दिलचस्प होगा तमिलनाडु विधानसभा चुनाव!