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Entertainment

क्या आप गर्मी से परेशान हैं?

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#नौतपा …. कहीं गर्मी, कहीं हवा, कहीं बरसात! नौतपा या नहींतपा?

मुंबई (व्हाट्सएप- 8302755688). प्रचंड गर्मीवाला नौतपा 25 मई 2023 से शुरू हो गया है, जो 2 जून 2023 तक रहेगा!
नौतपा! मतलब…. धरती के सबसे करीब सूर्य…. रोहिणी नक्षत्र में सूर्य, जिसने 25 मई 2023 को प्रवेश किया है.
ज्योतिषीय धारणा के अनुसार…. रोहिणी नक्षत्र के तीन चरण को नौतपा पुकारा जाता है, यदि इस दौरान अच्छी गर्मी पड़ती है, तो चौमासा में अच्छी बरसात होती है, लिहाजा ये नौ दिन तय करेंगे कि इस बार मानसून की स्थिति क्या होने जा रही है?
गोचरवश सूर्य रोहिणी नक्षत्र भ्रमण 25 मई से 8 जून 2023 तक 14 दिनों में पूरा करेगा और 8 जून 2023 को सूर्य का मृगशिर नक्षत्र में प्रवेश होगा, जिसके साथ ही मेघ गर्जना, हवाओं का चलना बढ़ जाएगा.
इस वर्ष 25 मई 2023 को गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग में नौतपा की शुरुआत हुई है, देखना होगा कि विभिन्न क्षेत्रों में मौसम कैसा रहेगा?
रोहिणी नक्षत्र में सूर्य गोचर…. 25 मई 2023, को 21:12 बजे से 8 जून 2023, को 19:06 बजे!
हम भी परेशान हैं @pranita tuli ….

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अमजद खान नहीं रहे, लेकिन…. गब्बर जिंदा है!

प्रदीप द्विवेदी. शोले फिल्म में अपने जमाने के स्थापित तीन सुपर एक्टर, सुपर स्टार- संजीव कुमार, धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन थे, लेकिन इसमें एकदम नए अमजद खान को गब्बर सिंह ने वह लोकप्रियता दिलाई कि अमजद खान नहीं रहे, लेकिन गब्बर आज भी जिंदा है.
बॉलीवुड के इतिहास में लोकप्रियता के मामले में अब तक गब्बर सिंह को कोई खलनायक मात नहीं दे पाया है.
सितारों के समीकरण पर भरोसा करें, तो अमजद खान के लिए 1972 में शुरू हुई सूर्य की महादशा ने उन्हें नेगेटिव रोल का सुपर स्टार बनाया, उनकी जन्म कुण्डली में सूर्य तुला राशि में स्थित है, जो कि सूर्य की नीच राशि है, सूर्य आठवें भाव का स्वामी होकर दसवें कर्मभाव में स्थित है, सूर्य की दृष्टि चौथे घर पर है, जबकि गुरु, शनि की पूर्ण दृष्टि सूर्य पर है, यही वजह है कि अमजद खान को गब्बर सिंह ने बुलंदियों पर पहुंचाया.
अमजद खान भारतीय फिल्मों में प्रसिद्ध अभिनेता जयंत के पुत्र थे, जिन्हे वे अपना गुरु मानते थे.
दिलचस्प बात यह है कि शत्रुघ्न सिन्हा के सितार भी गजब के हैं, वे सुपर स्टार बन पाए हों या नहीं, लेकिन उनके कारण बॉलीवुड को दो सुपर स्टार मिले- अमजद खान और अमिताभ बच्चन, शोले के गब्बर सिंह की भूमिका पहले शत्रु को ही दी गयी थी, लेकिन समयाभाव की वजह से इनकार कर दिया, तो गब्बर का रोल अमजद खान को मिल गया, इसी तरह जंजीर भी शत्रु के पास समय नहीं होने के कारण अमिताभ बच्चन को मिली थी.
शोले और जंजीर ने बॉलीवुड का अंदाज और इतिहास ही बदल के रख दिया.
शोले के अलावा अमजद खान ने कुर्बानी, लव स्टोरी, चरस, हम किसी से कम नहीं, इनकार, परवरिश, शतरंज के खिलाड़ी, देस-परदेस, दादा, गंगा की सौगंध, कसमे-वादे, मुकद्दर का सिकन्दर, लावारिस, मिस्टर नटवरलाल, सुहाग, कालिया, नसीब, हिम्मतवाला जैसी अनेक सुपर हिट फिल्में की, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में अमर तो शोले के गब्बर ने ही बनाया है!

बॉलीवुड बाजार गाइड डेली न्यूज लेटर….

प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू के हाथों लोकार्पण

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा समर्पित, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शीश पर जाकर किया…. जलाभिषेक!

सुभाष शर्मा, उदयपुर. राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ को शनिवार 29 अक्टूबर 2022 को आम लोगों के लिए समर्पित कर दी गई है। शाम 4 बजे प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू के हाथों इसका लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बापू के अलावा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, योगगुरु बाबा रामदेव भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शीश पर जाकर जलाभिषेक भी किया। इस अवसर पर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, लाल चंद कटारिया, उदयलाल आंजना भी मौजूद थे।

संत मोरारी बापू ने रामकथा के लिए बनाए गए पांडाल में शिव प्रतिमा की रेप्लिका का अनावरण करते हुए मूल प्रतिमा को लोकार्पित किया। प्रतिमा अनावरण का कार्यक्रम नौ दिन तक चलेगा और इस दौरान संत की रामकथा चलेगी। 9 दिनों तक चलने वाले इस लोकार्पण महोत्सव में देश-विदेश से कई भक्त और वीआईपी गेस्ट भी पहुंचेंगे जिनके ठहराने की व्यवस्था तत पदम संस्थान के ट्रस्टी ने की है।

कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा आज से दस साल पहले संत और मुख्यमंत्री गहलोत ने ही शिवजी की प्रतिमा का शिलान्यास किया था और आज भी वह अवसर आया कि उन्हीं के हाथों प्रतिमा को लोकार्पित किया गया। हालांकि कल्पना भी नहीं की थी, ऐसी प्रतिमा हमारे सामने बन के आएगी।

गौरतलब है कि कथावाचक संत मोरारी बापू शुक्रवार रात को विशेष विमान से उदयपुर पहुंचे थे और जहां से सड़क मार्ग के जरिए मूर्ति निर्माता उद्यमी मदन पालीवाल के घर पहुंचे। रात्रि विश्राम करने के बाद वह प्रतिमा स्थल पर लोकार्पण समारोह में आए थे। इधर, कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गणेश टेकरी पर बनाए गए हेलीपैड पर पहुंचे और कार्यक्रम में शिरकत की। उनका हैलीपेड पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया और उदय लाल आंजना ने अगवानी की।

गौरतलब है कि विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा का निर्माण तत पदम् उपवन संस्थान नाथद्वारा के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने कराया है। यह अंदर से भी विशाल है। जिसमें 4 लिफ्ट के साथ इसकी ऊंचाई पर 700 सीढ़ियों के जरिया जाया जा सकता है।

500 से ज्यादा सिक्योरिटी तैनात, 1 हजार सीसीटीवी

आयोजन को लेकर सिक्योरिटी का खासा ध्यान रखा गया है। यहां 500 से ज्यादा पुलिस जवान और सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कथा के साथ आवास और भोजन प्रसाद के लिए भी सभी को अलग-अलग पास अलॉट किए गए हैं। इन पास के जरिए ही सभी को एंट्री दी जा रही है।
उदयपुर-अजमेर सिक्स लेन पर नाथद्वारा में गणेश टेकरी पर संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल द्वारा निर्माण कराई गई यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि अजमेर रोड से आते समय बीस किलोमीटर पहले ही दिखाई देने लगती है। 369 फीट ऊंची शिव प्रतिमा को बनाने में दस साल लगे और यह इतनी मजबूत है कि 250 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलने और अतिवृष्टि में भी इसे नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसके निर्माता आस्ट्रेलिया और अमेरिका की कंपनी का कहना था कि 2500 साल तक यह प्रतिमा इसी तरह रहेगी।
बाहर से ही नहीं, यह प्रतिमा अंदर से भी इतनी विशाल की छोटा-मोटा गांव बस सके
शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम प्रतिमा बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर से भी इतनी बड़ी है कि इसके अंदर छोटा-मोटा गांव बस सकता है। इसके अंदर बने हाल में एक साथ 10 हजार लोग रह सकते हैं। बाहर से देखा जाए तो यह प्रतिमा 369 फीट हाइट की है, वहीं अंदर से इसे पूरी तरह देखने में चार घण्टे का समय लगेगा।
चार लिफ्ट, जिसके जरिए शिव प्रतिमा के कंधे तक जाया जा सकेगा
शिव प्रतिमा के अंदर अलग-अलग ऊंचाई तक जाने के लिए 4 लिफ्ट लगी हैं। यहां दर्शन करने आने वाले लोगों को 20 फीट से लेकर 351 फीट की ऊंचाई तक का सफर करवाया जाएगा। इसमें लिफ्ट के जरिए 270 फीट की ऊंचाई तक जाकर शिवजी के बाएं कंधे पर लगे त्रिशूल के दर्शन किए जा सकेंगे। यहीं से  ‘तद पदम उपवन’ जहां शिव प्रतिमा गणेश टेकरी पर निर्मित है, को देखा जा सकता है।
शीशे से बना ब्रिज, जिससे गुजरना हर किसी के बस का नहीं
प्रतिमा पर 270 से 280 फीट की ऊंचाई पर जाने के लिए एक छोटा से ब्रिज बनाया गया है। इसकी खासियत है कि यह ब्रिज पत्थर या आरसीसी का नहीं, बल्कि शीशे से बनाया गया है। 21 सीढ़ियों को पार करने में ही इतना वक्त लग जाता है, जितने में आदमी पांच से दस मंजिल चढ़ जाए। शीशे से बनी सीढ़ियों से ग्राउंड फ्लोर का नजारा बेहद ही दर्शनीय है। 280 फीट की ऊंचाई पर भगवान शिव का दायां कंधा है, जहां से भगवान शिव के नाग के दर्शन आपको आसानी से हो सकेंगे। शिव प्रतिमा में एक एक्पीरियंस गैलरी का काम फिलहाल जारी है, जहां प्रोजेक्टर के जरिए यह बताया जाएगा कि इस प्रतिमा को बनाने में कितना समय लगा और किन किन चरणों में यह बनाई गई।
भगवान शिव श्रीनाथजी से मिलने यहीं आए थे!
गणेश टेकरी पर भगवान शिव की प्रतिमा बनाने के पीछे की रोचक कहानी है। प्रतिमा के निर्माता मदन पालीवाल बताते हैं कि ऐसी मान्यता है शिवजी भगवान श्रीनाथजी से मिलने नाथद्वारा आए थे और उन्होंने अरावली पर्वत की इस पर्वतमाला पर उनका इंतजार किया, जिसे गणेश टेकरी कहा जाता है। इसलिए शिवजी की प्रतिमा का निर्माण गणेश टेकरी पर कराए जाना तय किया गया। पूर्व में शिव प्रतिमा की ऊंचाई 251 फीट रखा जाना था लेकिन बाद में इसे 369 फीट तक ऊंचा बनाया गया।
पचास हजार मजदूरों को शिव प्रतिमा को बनाने में लगे दस साल
विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के निर्माण में दस साल का समय लगा। हर दिन 50 हजार से अधिक मजदूरों ने इसमें काम किया। कोरोना के दौरान जब-जब लॉकडाउन रहा तब काम बंद किया गया। इस बीच मौका मिलता तो कारीगर काम पर लौट आते और प्रतिमा को पूरा करने के लिए दिन-रात जुटे रहते।
110 फीट की ऊंचाई पर विराजमान है भगवान शिव
विश्व के सबसे बड़ी शिव प्रतिमा जिस जगह विराजित हैं, उसकी ऊंचाई 110 फीट है। इसके बाहरी हिससे को कैलाश पर्वत जैसा रूप दिया गया है ताकि लगे कि भगवान शिव कैलाश पर्वत पर विराजमान हैं। मान्यता के अनुसार भगवान शिव का कमंडल और डमरू बनाया गया है। कहा जाता है कि जब शिवजी नाथद्वारा आए तो उन्होंने अपना कमंडल और डमरू पीछे छोड़ दिया था। इसलिए इस प्रतिमा में भगवान शिव का त्रिशूल है। जहां डमरू और कमंडल छोड़ा गया था वहां अलग से इनका स्टैच्यू बनाया जाएगा।
शिव प्रतिमा के चरणों तक जाने पर नहीं लगेगा टिकट, अंदर जाना होगा तो देना होगा शुल्क
शिव प्रतिमा के चरणों तक जाने के लिए यहां आने वाले भक्तों को टिकट नहीं देना होगा। जिन भक्तों को प्रतिमा के अंदर जाना है, उन्हें तय शुल्क देना होगा। हालांकि फिलहाल यह तय नहीं किया गया है। रामकथा संपन्न होने से पहले इसकी जानकारी शिव प्रतिमा की साइड स्टैच्यू आफ बिलिव पर दी जाएगी।
2012 में मुरारी बापू ने रखी थी नींव
इस प्रतिमा का लोकार्पण संत मोरारी बापू के हाथों से होगा। दस साल पहले 18 अगस्त 2012 को संत मोरारी बापू ने ही इस प्रतिमा की नींव रखी थी। तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डॉ. सीपी जोशी, मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदनलाल पालीवाल ने भूमि पूजन किया था।
इस तरह बढ़ती गई ऊंचाई
जब इस प्रतिमा के निर्माण का निर्णय लिया गया तब इसकी ऊंचाई 251 फीट रखना तय किया गया। किन्तु बाद में इसकी ऊंचाई 351 फीट करने का निर्णय लिया गया। जब प्रतिमा 351 फीट की बनकर तैयार हुई तो इस पर गंगा की जलधारा लगाने की राय मिली तो गंगामाता की जलधारा लगाई गई तो इसकी ऊंचाई बढ़कर 369 फीट हो गई।
22 देशों से आए भक्त, नौ दिन कथा सुनेंगे
विश्व की सबसे ऊँची शिव प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव में भाग लेने विश्व के 22 देशों से भक्त नाथद्वारा पहुंच चुके हैं। 1200 लोगों को ठहराने के लिए विशेष स्विस टेंट लगाए गए हैं, जहां होटल जैसी सभी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा प्रतिमा निर्माता की ओर से भक्तों को ठहराने के लिए शहर की होटलों में व्यवस्था की गई है।
होंगी सांस्कृतिक संध्या….
संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से नौ दिवसीय रामकथा के साथ ही चार दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा। सांस्कृतिक संध्या 2 नवम्बर से प्रारंभ होगी, 2 नवम्बर को गुजराती कलाकार सिद्धार्थ रांधेडिया, 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे, 4 नवम्बर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विख्यात कवि कुमार विश्वास के साथ ही अन्य ख्यातनाम कवि काव्य रस से माहौल को शिव रस से सराबोर करेंगे। सांस्कृतिक संध्या के अंतिम दिन 5 नवम्बर को सिंगर कैलाश खैर स्वर लहरियों से समां बांधेंगे!

॥ शिवजी की आरती ॥

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।

प्रणवाक्षर मध्येये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंगा बहत है,गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरतीजो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥

Ishq Ishq Karke….

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Ek kahaani, bhari pyaar ke rango se!
Sung by #StebinBen#IshqIshqKarke, featuring #MohsinKhan & #PriyankaKhera is RELEASED…. Here is the Ishq Ishq Karke….

Song: Ishq Ishq Karke
Singer: Stebin Ben
Music: Kausar Jamot
Lyrics: Kausar Jamot
Programming, Mix And Master: Aditya Dev
Starring: Mohsin Khan and Priyanka Khera
Video Producers: Narendra Mohan Films
Director: Dhruwal Patel & Jigar Mulani
Executive & Creative Producer: Rhythm Sanadhya
Concept: Rhythm Sanadhya
DOP: Dhruwal Patel
Chief Assistant Director: Shehzaan Khan
Head of Production: Pradeep Dwivedi
Content Consultant: Anita Sanadhya
Line Producer: Shubham Pandey
Production Manager: Siddharth Kanti Das
Production Designer: Quincy Sanadhya
Production Design Company: Honey Money
Set Dresser: Manali Sandip Baniya
Assistant Art Director: Janvi Parekh
Colorist: Onkar Singh
Editor: Nitin FCP
Still Photographer: Vicky Banerjee
Costumes: Sacorina & Dalip
Stylist: Karishma Tatkare
Stylist Assistant: Archana Bansal
Makeup: Sahil Shaikh
Hair: Kismath
Associate DOP & Focus Puller: Manoj Yadav
Camera: UB Media Hub (Harish Bhanushali)
Lights: She Noy Lights
Panther: Top Gear
Gaffer: Rahul Yadav
Sound and Tent: Gulab Chand Yadav
Spot: Prabhat Singh, Vikash Dubey, Krishna
Casting: Aaditya Gaur

एस्ट्रोम्यूजिकनिराश प्रेमी दूसरे प्रहर में सुनें

छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए….

प्रदीप द्विवेदी (ज्योतिर्संगीत). सदियों से मानव जीवन में संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जहां सकारात्मक संगीत व्यक्ति को प्रेरणा दे सकता है, उत्साहित कर सकता है, उम्मीद जगा सकता है, वहीं नकारात्मक संगीत व्यक्ति को निराश कर सकता है, उदासी दे सकता है, बेचैन कर सकता है!
किसी व्यक्ति के लिए कौनसा संगीत सकारात्मक है और कौनसा नकारात्मक है, यदि यह जान लिया जाए तो जीवन के मधुर सुर साधे जा सकते हैं?
भारत में संगीत के जन्म की अनेक कथाएं हैं, संगीत की रचना शिव ने की, जिनसे नारद ने संगीत सीखा और भूलोक को सिखाया!
ज्योतिष और संगीत का गहरा रिश्ता है, क्योंकि विभिन्न रागों का जन्म अलग-अलग नक्षत्रों में हुआ है, इसलिए ये राग व्यक्ति विशेष के जन्म नक्षत्र के सापेक्ष सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं?
प्रेम में अक्सर नाकामयाब लोग अवसाद का शिकार हो जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए सरस्वतीचन्द्र का गीत- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. अवसाद मुक्ति प्रदान कर सकता है!
संगीत के जानकारों के अनुसार- छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. गीत, राग चारुकेशी पर आधारित है, जिसे बजाने-सुनने का समय दिन का दूसरा प्रहर है, दूसरा प्रहर मतलब…. दोपहर तक के करीब तीन घंटे, लगभग प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक, यह गीत है….
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए…. 

फिल्म- सरस्वतीचंद्र
संगीतकार- कल्याणजी आनंदजी
गीतकार- इन्दीवर
गायिका- लता मंगेशकर
राग- चारुकेशी

https://www.youtube.com/watch?v=FFW6dBHPcTo 

छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए,
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए,
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं,
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए!
तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या,
तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या,
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं,
खुशबू आती रहे दूर से ही सही,
सामने हो चमन कोई कम तो नहीं,
चांद मिलता नहीं सबको संसार में,
है दिया ही बहुत रोशनी के लिए!
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए….
कितनी हसरत से तकती हैं कलियां तुम्हें,
क्यूँ बहारों को फिर से बुलाते नहीं,
एक दुनिया उजड़ ही गई है तो क्या,
दूसरा तुम जहां क्यूँ बसाते नहीं,
दिल ने चाहा भी तो, साथ संसार के,
चलना पड़ता है सब की खुशी के लिए!
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए,
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए,
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं,
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए!!

खबर है कि….  

अक्षय और अजय! दोनों की फिल्में सफलता के लिए संघर्ष कर रही हैं?

मुंबई. दीपावली के माहौल का पूरा-पूरा फायदा उठाने के लिए अक्षय कुमार की फिल्म- राम सेतु और अजय देवगन, सिद्धार्थ मल्होत्रा स्टारर- थैंक गॉड एक साथ थिएटर्स में रिलीज हुईं, लेकिन खबरें हैं कि दोनों की फिल्में सफलता के लिए संघर्ष कर रही हैं?

अक्षय कुमार की फिल्म में श्रीरामकथा से गहरा कनेक्शन रखने वाले उस माइथोलॉजिकल पुल का जिक्र है, जिसके जरिए श्रीराम समुद्र पार कर के लंका पहुंचे थे, हालांकि राम सेतु का ट्रेलर बहुत पसंद किया गया था, लिहाजा उम्मीद थी कि फिल्म कामयाबी का परचम लहराएगी, परन्तु ऐसा नहीं हुआ!

उधर, अजय देवगन, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह स्टारर- थैंक गॉड, कॉमेडी फिल्म है, लेकिन…. आज के कॉमेडी के दौर में भी यह फिल्म कुछ खास नहीं कर पा रही है?

याद रहे, 25 अक्टूबर 2022 को दोनों फ़िल्में थिएटर्स में रिलीज हुईं थी!

कमाल है! नव्या नवेली को लेकर बोलीं जया बच्चन….

बगैर शादी के बच्चे पैदा करने पर मुझे कोई समस्या नहीं?

मुंबई. बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस और बिग बी अमिताभ बच्चन की पत्नी- जया बच्चन ने हाल ही में अपनी नाती को लेकर धमाकेदार बात कह दी है, जिसके बाद से दिलचस्प चर्चाओं का बाजार गर्म है?

खबरों की मानें तो…. जया बच्चन ने नव्या के पॉडकास्ट शो ‘व्हाट द हेल नव्या’ पर बात की और उन्होंने नव्या को रिश्तों को लेकर सलाह दी कि- किसी भी रिश्ते में शारीरिक आकर्षण बहुत जरूरी है, उनके वक्त में ज्यादा प्रयोग नहीं कर सकते थे, अगर नव्या बिना शादी के बच्चा चाहेंगी तो उन्हें कोई समस्या नहीं है!

इतना ही नहीं, जया का साफ कहना था कि- कोई भी रिश्ता केवल प्यार, फ्रेश एयर और समझौतों पर ज्यादा दिन नहीं चल सकता, मेरे ऐसा कहने पर बहुत से लोगों को यह आपत्तिजनक लगेगा, लेकिन…. शारीरिक आकर्षण और कम्पैटिबिलिटी बहुत जरूरी है, हमारे समय में हम बहुत ज्यादा प्रयोग नहीं कर सकते थे, लेकिन…. आज की पीढ़ी कर सकती है और उन्हें क्यों नहीं करना चाहिए?

क्योंकि…. एक रिश्ते को लंबे समय तक चलाने के लिए यह भी जिम्मेदार है, अगर कोई शारीरिक संबंध नहीं है, तो यह बहुत लंबे समय तक नहीं चल सकता, आप केवल प्यार, फ्रेश एयर और समझौतों पर इसे लंबा नहीं चला सकते!

देखना दिलचस्प होगा कि पुराने जमाने की फेमस एक्ट्ेस जया का यह नया विचार आज की जनरेशन को कितना पसंद आता है?

चार्मी सेन को मिला- अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, हेलसिंकी फिनलैंड में मेंडल ऑफ एक्सीलेंस मेंडेलियन हेयरड्रेसिंग वर्ल्ड स्किल 2022

अशोक पालीवाल. उदयपुर की चार्मी सेन को मिला- अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, हेलसिंकी फिनलैंड में मेंडल ऑफ एक्सीलेंस मेंडेलियन हेयरड्रेसिंग वर्ल्ड स्किल 2022, 20 से 23 अक्टूबर 2022 तक आयोजित इस प्रतियोगिता में 20 देशों के प्रतियोगी शामिल थे और उम्र सीमा 21 वर्ष थी, जिसमें लेडीज हेयर कट, ब्राइडल हेयर स्टाईल, मेन्स पर्मिंग, दाढी डिजाइन, केटवाक हेयर स्टाईल, मेन्स फैशन कट मोड्यूल में प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें वर्ल्ड स्किल कि एक्सपर्ट एवं मेन्टोर सामन्था कोचर, बी.डब्लु.एस.एस.सी चेयरमैन डॉ. ब्लॉसम कोचर एवं बी.डब्लु.एस.एस.सी की सी.ई.ओ. मोनिका बहेल के नेतृत्व में सफलता मिली है।
उदयपुर से फिनलैंड (हेलसिंकी) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने में प्रशिक्षण का सहयोग चार्मी सेन के शिक्षक आशा हरिहरन, सीमा वी. जयराजानी, उदय टके, मुर्नाल डोंगरे, मिलन भाटिया, अर्थव टके, वाजिद भाई, विपुल चुडास्मा, लोरियल इंडिया, श्वेताशा पालीवाल, पुष्कर सेन एवं प्रदीप वेद को जाता है।
वर्ष 2015 में पहली बार प्रभात हेयर एंड ब्यूटी एकेडमी, उदयपुर से प्रदीप वेद ने ब्राज़िल वर्ल्ड स्किल में मेडल ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड भारत के नाम किया था। फिर से वर्ल्ड स्किल 2022, हेलसिंकी फिनलैंड में चार्मी सेन ने हेयर ड्रेसिंग में मेडल ऑफ एक्सीलेंस भारत के नाम करके उदयपुर, राजस्थान के सभी हेयर एक्सपर्ट को गर्व करने का अवसर दिया है।
फिनलैंड से उदयपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया….

फिनलैंड से उदयपुर पहुंचने पर प्रभात हेयर एवं ब्यूटी एकेडमी पर उनके पिता भरत सेन, कान्ता सेन सहयोगी श्वेताशा पालीवाल प्रदीप वेद एवं सेन क्षोर कलाकार मण्डल के अध्यक्ष दिलीप सेन, सचिव हेमन्त सेन, लेकसिटी ब्यूटी क्लब सचिव अनिता गहलोत, हेयर एवं ब्यूटी ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष कनक सिंह, सचिव भारती सेन, रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर पन्ना के अध्यक्ष महेश सेन, सचिव हिमांशु टेलर, सेन समाज विकास संस्थान के अध्यक्ष राजकुमार सेन एवं सचिव ओमप्रकाश बारबर, सेन नवयुवक के अध्यक्ष मनीष सेन एवं सचिव रवि सेन द्वारा चार्मी सेन का भव्य स्वागत किया गया।

लाभ पंचमी पर होगा… शुभ-लाभ का श्रीगणेश! 

प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  

  • लाभ पंचमी… सौभाग्य लाभ पंचमी भी कहलाती है जिसका तात्पर्य है कार्य-व्यवसाय में लाभ के लिए भाग्य का साथ।
  • देश के विभिन्न क्षेत्रों में दीपावली के बाद यह पहला दिन होता है जब व्यापारी अपने खातेबही में लिखना प्रारंभ करते हैं।
  • इस दिन खातेबही के प्रथम पृष्ठ पर बाईं ओर शुभ और दाईं ओर लाभ लिखते हैं तथा बीच में सातिया बनाते हैं!
  • श्रीगणेश और देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए अपना नववर्ष व्यवसाय प्रारंभ करते हैं।

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