प्रदीप द्विवेदी. बीसवीं सदी की शुरूआत में सिनेमा हॉल से पब्लिक एटंरटेनमेंट का सफर शुरू हुआ तो जाते-जाते टीवी ने प्राइवेट एंटरटेनमेंट का तौफा दिया और अब नई सदी में… स्मार्ट फोन पर पॉकेट एंटरटेनमेंट का समय आ गया है! पहले उपन्यास पर तीन घंटे की फिल्में बनती थी लेकिन टीवी पर यह सीमा घट कर एक घंटे के एपिसोड में बदल गई… और अब स्मार्ट फोन पर माइक्रो फिल्में धमाल मचा रही हंै! स्मार्ट फोन ने दर्शकों को मनोरंजन की आजादी दे दी है… न सिनेमा हॉल की लाइन, न टीवी रूम की झंझट… मनोरंजन… कभी भी, कहीं भी!
अभी स्मार्टवुड… माइक्रो फिल्म इंडस्ट्री, नया स्वरूप ले रही है… ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़ी पल-पल इंडिया की ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड श्रीमती अनिता का कहना है कि इस दिशा में कई लोगों ने अच्छा काम किया है लेकिन अभी तक इसे ठीक से पहचाना नहीं गया है… पल-पल इंडिया के साथ हमारी कोशिश है कि स्मार्टवुड को नया स्वरूप और नई पहचान मिले!
स्मार्टवुड ऐसी फिल्मों पर फोकस होने जा रहा है जो कम समय में अधिक-से-अधिक मनोरंजन कर सकें… जो स्मार्ट फोन पर आसानी से… कभी भी, कहीं भी… उपलब्ध हों!
स्मार्टवुड की माइक्रो फिल्में न केवल एंटरटेनमेंट करेंगी बल्कि प्रेरणा, सूचनाएं, जानकारियां आदि देनेवाली भी होंगी… यकीनन् यह कार्य किसी एक व्यक्ति के बस का नहीं है लेकिन शुरूआत तो एक व्यक्ति भी कर सकता है! यह बात अलग है कि… किसी भी काम की शुरूआत करनेवालों को न तो तत्काल कामयाबी मिलती है और न ही आर्थिक लाभ लेकिन उनकी नींव पर ही कामयाबी की भव्य इमारत खड़ी होती है!