बांसवाड़ा. वर्तमान भागदौड़ वाले जीवन में व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग है तो सुरक्षित है अन्यथा कई तरह की स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं, जिनका उपचार कष्टदायी व लम्बा समय लेने वाला हो सकता है और जिससे दैनिक जीवन भी प्रभावित हो सकता है. यह मानना है चिकित्सा विज्ञान के राष्ट्रीय लेखक और सामाजिक सेवाओं से जुडे डाॅ. आरके मालोत का. विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा में डाॅ. मालोत ने कहा कि शरीर के रखरखाव के प्रति गंभीरता से व्यक्ति के स्वास्थ्य का निर्धारण संभव है.
डाॅ मालोत कहते हैं कि दिनचर्या का प्रभावी निर्धारण व पालन कई समस्याओं का समाधान कर सकता है अतः दिनचर्या को नियमित बनाकर उसके अनुरूप काम करना आवश्यक है. उनका कहना है कि स्वस्थ्य बने रहने के लिये बहुत ही सामान्य विषयों पर ध्यान देना है, जैसे अपनी रूचि और शारीरिक क्षमता के हिसाब से नियमित व्यायाम व योग तथा सात से नौ घण्टे की पूरी नींद लेना सबसे महत्वपूर्ण हैं. इसी तरह सकारात्मक सोच के साथ काम करने की आदत, तनाव मुक्त रहने का प्रयास, सामाजिक जीवन से सम्बद्धता और काम के बीच अन्तराल लेकर नये सिरे से काम शुरू करना भी आवश्यक है.
डाॅ मालोत का मानना है कि सवेरे का नाश्ता एक आवश्यक है और भोजन को चार से छह घण्टे के अन्तराल में टुकडों में करने से पाचन तंत्र पर दबाव नहीं बनता है और दैनिक कार्य सुचारू ढंग से होते हैं. उनका कहना हैं कि ताजा मौसमी फलों व हरी सब्जियों को दैनिक जीवन में आवश्यक रूप से भोजन का हिस्सा बनायें तथा पर्याप्त पानी पीना है, यह लक्ष्य तय कर कार्य करते रहें. जंक फूड से दूरी बनाये रखने से स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है, यह अनुभूत तथ्य है. स्वास्थ्य के मामले में कोई गंम्भीर समस्या नहीं है तो वर्ष में एक बार अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करवाये ताकि शरीर की स्थिति व स्वास्थ्य से जुड़ी पूरी जानकारी मिल सके.
next post