Image default
Career

गुड एप्रोच, बेटर नाॅलेज, बेस्ट परफोर्मेंस!

* अनिता (WhatsApp- 9372086563)
आमतौर पर जब भी नाॅलेज लेने की बात आती है तो हम अक्सर अपने काम से रिलेटेड नाॅलेज तो बड़े इंट्रेस्ट के साथ ले लेते हैं लेकिन हमारे काम से जुड़े दूसरे नाॅलेज लेने में बड़ी बोरियत महसूस करते हैं। जबकि सच्चाई यही है कि यदि नाॅलेज को लेकर हमारी एप्रोच सही है कि हम अपने फिल्ड के साथ-साथ रिलेटेड फिल्ड का भी बेहतर नाॅलेज लेने की कोशिश करेंगे तो हमारी परफोर्मेंस बेस्ट होगी।
उदाहरण के लिए, ब्यूटीशियंस के पास मेकओवर के लिए लोग आते हैं। ब्यूटीशियंस के पास मेकओवर का तो बहुत अच्छा नाॅलेज होता है लेकिन यदि इंसान की सुंदरता से जुड़ी हैल्थ, फिटनेस, योगा आदि की  जानकारी का अभाव है तो वह अपनी परफोर्मेंस बेस्ट नहीं दे पाएगा। जैसे फेस का मेकअप तो शानदार हो गया लेकिन फेस पर ऐसा कोई दाग है जो मेकअप से नहीं दब रहा तो क्या होगा? यदि ब्यूटीशियन को प्लास्टिक सर्जरी का नाॅलेज है तो वह उस व्यक्ति को बेहतर गाईड कर सकती है कि उसे दाग हटाने के लिए क्या करना चाहिए?
चांद-सा चेहरा हो पर हंसी बदसूरत हो तो मेकअप क्या करेगा? इसके लिए तो डाॅक्टर से स्माईल मेकओवर करवाना होगा!
जब हम कार रखते हैं तो कार चलाना सीखते हैं लेकिन कार के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेंगे तो रास्ते में अचानक  आनेवाली छोटी-मोटी परेशानियों में एकदम हैल्पलेस नहीं हो जाएंगे। अगर सुनसान जगह पंचर हो गया और टायर बदलना नहीं आएगा तो क्या करेंगे? पंचर का काम कितना बड़ा है? कितना पैसा लगेगा? जैसी सामान्य जानकारियां नहीं होंगी तो कोई भी ठगी कर जाएगा! आप परफेक्ट मेकेनिक भले ना बने, लेकिन किसी और से काम करवाने के लिए भी उस काम की जानकारी तो होनी ही चाहिए!
यदि आपको पता है कि प्लास्टिक सर्जरी कैसे होती है? कितना खर्च होता है? कहां अच्छी सुविधा उपलब्ध है? तो आप किसी व्यक्ति को बेहतर जानकारी दे सकते हैं। और यकीनन् वह व्यक्ति हमेशा आपका आभारी रहेगा।
अपने फिल्ड से जुड़े नाॅलेज के साथ-साथ यदि अवसर मिले तो एजूकेशन लेने में भी संकोच नहीं करना चाहिए।
कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपना लाईफ टाईम एचिवमेंट अपनी लाईफ के सैकंड हाॅफ में हांसिल किया है। इसकी वजह यही रही कि वे ताउम्र सीखते रहे, पढ़ते रहे और काम करते रहे।
कई लोगों को अपने फिल्ड का थोड़ा-सा नाॅलेज हो जाता है, थोड़े-से एक्सपर्ट हो जाते हैं तो उन्हें लगता है कि सारी दुनिया उनके सामने कुछ भी नहीं है। कहते हैं- कोई व्यक्ति यह सोचे कि दुनिया उसके बगैर नहीं चल सकती है तो वह मुर्ख है और यदि कोई सोचे कि वह दुनिया के बगैर चल सकता है तो वह महामुर्ख है। हमारे पास कोई खास नाॅलेज है, कोई गाॅड गिफ्ट है तो यकीनन् हमें उपरवाले का शुक्रगुजार होना चाहिए कि हमें इस योग्य बनाया कि हम दुनिया को कुछ दे सकें। लेकिन यदि इस गाॅड गिफ्ट को संवारने के लिए कोई नाॅलेज मिलता है तो उसे लेने में क्या बुराई है? इसका तो यह फायदा ही होगा कि हम अपनी क्वालिटी को और बेहतर तरीके से प्रदर्षित कर सकेंगे।
इसलिए जब भी अवसर मिले अपने फिल्ड का और अपने से रिलेटेड फिल्ड का नाॅलेज लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।

Leave a Comment