भोपाल. देश का नामचीन इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड का आयोजन मध्यप्रदेश में पहली बार होगा। यह समारोह 10 नवम्बर को इंदौर में आयोजित होगा। मध्यप्रदेश सरकार आयोजन में भागीदार है और इसके लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेगी।
जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने इंदौर में यह बात कही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेष प्रयासों से आयोजन की मेजबानी मध्यप्रदेश को मिली है। इससे मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण और टेलीविजन धारावाहिक की शूटिंग के लिये अनुकूल वातावरण निर्मित होगा। हमारे यहां महेश्वर, माण्डव, चन्देरी, जबलपुर, इन्दौर, होशंगाबाद और भोपाल में समय-समय पर फिल्में शूट की गई हैं। मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। मध्यप्रदेश सरकार फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री को मध्यप्रदेश में बढ़ावा देने सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने में हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
इस अवसर पर आयुक्त जनसम्पर्क पी.नरहरि, फिल्म एवं टी.वी.कलाकार विजय घाटगे, इंडियन टेलीविजन एकेडमी की अध्यक्ष अनु रंजन, संयोजक शशि रंजन, टी.वी.सीरियल “भाभीजी घर पर हैं” की कलाकार शुभांगी अत्रे, रागिनी मक्कड़, सोनी टेलीविजन हेड प्रोग्रामिंग आशीष गोलकर सहित अन्य कलाकार उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में इंडियन टेलीविजन एकेडमी की अध्यक्ष सुश्री अनु रंजन द्वारा जनसम्पर्क मंत्री पी.सी.शर्मा तथा आयुक्त जनसम्पर्क पी. नरहरि सहित उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात इंडियन टेलीविजन एकेडमी के पूर्व इतिहास संबंधी संक्षिप्त फिल्म उपस्थित अधिकारियों व मीडिया को दिखायी गयी।
टेलीविजन एकेडमी अवार्ड-2019 के संबंध में आयुक्त जनसम्पर्क पी. नरहरि द्वारा विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि 19वाँ इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड देश का सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद टीवी अवार्ड है। सोनी टीवी देश का प्रमुख चैनल है। यह अवार्ड 19 वर्षों से दिया जा रहा है। यह प्रथम अवसर है जब मध्यप्रदेश में यह समारोह आयोजित होने जा रहा है।
फिल्म कलाकार विजेन्द्र घाटगे ने बताया कि 19वाँ इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड पहली बार मिनी मुम्बई के रूप में पहचाने जाने वाले इंदौर के स्थानीय नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने जा रहा है। यह अवार्ड मध्यप्रदेश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने के लिये एक अनूठा मंच होगा।
इंडियन टेलीविजन एकेडमी की अध्यक्ष सुश्री अनु रंजन ने बताया कि इस कार्यक्रम में टेलीविजन जगत से जुडे करीब 300 कलाकार, निर्माता तथा तकनीशियन भाग लेंगे। इस पुरस्कार कार्यक्रम को सोनी एंटरटेनमेंट टीवी पर सीधे प्रसारित किया जायेगा। यह वेब पर टेलीकास्ट भी होगा।
आइए देखते हैं विभिन्न प्रमुख अखबारों की खबरें….
रतलाम और बांसवाड़ा के बीच हवाई अड्डा स्थापित किया जाए, फिल्म सिटी बने!
जयपुर, बांसवाड़ा (WhatsApp- 8302755688). पहली वागड़ी फिल्म तण वाटे के निर्देशक प्रदीप द्विवेदी ने केन्द्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि बांसवाड़ा और रतलाम के बीच हवाई अड्डा स्थापित किया जाए. इसके अलावा, बांसवाड़ा के माही काॅलोनी परिसर में फिल्म सिटी स्थापित की जाए.
उन्होंने पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया सहित इस क्षेत्र के सभी विधायकों और सांसद से अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र के विकास का एक नया अध्याय शुरू करने वाले इस कार्य में समर्थन-सहयोग प्रदान करें.
इसके लिए, पीएम नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस विषयक पत्र भी भेजे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा और रतलाम, दोनों ही हवाई सेवा से वंचित हैं. इन शहरों के बीच फासला करीब अस्सी किमी का है, इसलिए यदि रतलाम-बांसवाड़ा के बीच हवाई अड्डा स्थापित होता है तो यह दोनों जिलों के लिए उपयोगी तो होगा ही, आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी होगा. बांसवाड़ा में हवाई सेवाओं का तो अभाव है ही, यहां की रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल सेवा के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह है.
देश के कई प्रमुख व्यक्ति और फिल्म यूनिट बांसवाड़ा आना चाहते हैं, लेकिन हवाई सेवा के अभाव में इधर आने से बचते हैं, जबकि फिल्म और टीवी सीरियल निर्माण की दृष्टि से बांसवाड़ा बेहद आकर्षक है और फिल्मी बजट की नजर से भी बहुत सस्ता है. आजकल महानगरों में फिल्म और टीवी सीरियल निर्माण में गैर-जरूरी लागत लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण फिल्म और टीवी सीरियल का बजट दोगुना से ज्यादा हो रहा है. यही वजह है कि कई फिल्म निर्माता महानगरों को छोड़कर अन्यत्र संभावनाएं तलाश रहे हैं.
बांसवाड़ा शहर में माही काॅलोनी परिसर को यदि फिल्म सिटी के रूप में विकसित किया जाए तो बांसवाड़ा विकास के एक नए युग में प्रवेश कर लेगा. फिल्म सिटी से जुड़ने के इच्छुक फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को यहां के भवन बेचे भी जा सकते हैं और फिल्म निर्माताओं को किराए पर भी दिए जा सकते हैं.
रतलाम के पास, निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है, जो लगभग 140 किमी दूर है, तो बांसवाड़ा का निकटतम हवाई अड्डा 160 किमी दूर उदयपुर में है.
इस क्षेत्र के हजारों लोग देश-विदेश में कार्यरत हैं, हवाई सेवा के अभाव में जिन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.