हनीमनी. जिस तेजी से हैल्थ एंड ब्यूटी इंडस्ट्ी में बदलाव आ रहे हैं उन्हें देखकर लगता है कि कुछ सालों बाद ब्यूटी पार्लर, हॉस्पिटल, फिटनेस सेंटर आदि के नाम ह्यूमन सर्विसिंग सेंटर में बदल जाएंगे. जैसे कोई गाडी वर्कशॉप में जाती है वैसे ही इंसान इन मानव रखरखाव केन्द्रों में जाएंगे और वहां उनकी पसंद के अनुसार बॉडी, कलर, साइज, पाट्र्स, लुक आदि बदल दिए जाएंगे! आर्डर फार्म में सवाल होंगे- चेहरा कैसा चाहिए? स्किन कलर कैसा रखना है? दांत कैसे दिखने चाहिए? आंखों का कलर क्या रहेगा? बालों का शेड कैसा रखना है? पैरों की लंबाई कितनी बढ़ानी या कम करनी है? कंधे कितने चौड़े चाहिए? मोटापा कितना रखना है? हार्ट बदलना है? मैमोरी कितनी बढ़ानी है? लीवर-कीडनी-घुटने रिप्लेस करने हैं? आदि-आदि! सारी इंफोर्मेशन कंप्यूटर में डाली जाएगी और आर्डर के अनुरूप कैसा नजर आएगा वह व्यक्ति, उसकी फोटो आ जाएगी… बदलाव पसंद आया तो ठीक, नहीं तो आर्डर में फेर बदल कर नया आर्डर लिया जाएगा!
ऐसा भी हो सकता है कि कोई अपने फेवरेट हीरो-हीरोइन के जैसे नजर आना चाहें तो उसे कंप्यूटर अनालेसेस के बाद यह बताया जाए कि उसके कौनसे फीचर्स मिलते है, कौनसे नहीं और इसी के अनुरूप उसकी बॉडी में चेंज किए जाएंगे.
यदि ऐसा होता है या नहीं भी होता है तब भी, आनेवाले समय में किसी भी डॉक्टर को, ब्यूटीशियन को, फिटनेस एक्सपर्ट को ह्यूमन बॉडी की टोटल इंफोर्मेशन की जरूरत पड़ेगी क्योंकि इन तीनों फिल्ड का बहुत तेजी से एकीकरण हो रहा है.
अब ब्यूटीशियन के लिए जरूरी होता जा रहा है कि उसे हैल्थ और फिटनेस का बेसिक नॉलेज हो… फिटनेस एक्सपर्ट को ब्यूटी-हैल्थ का नॉलेज होना चाहिए।
दुनिया में नॉलेज अनलिमिटेड है, इसलिए कोई भी व्यक्ति हर फिल्ड का एक्सपर्ट नहीं हो सकता है लेकिन अपने फिल्ड से जुड़े सब्जेक्ट्स का नॉलेज रखना बेहद जरूरी है क्योंकि यह नॉलेज ही आपको अपने फिल्ड में सबसे अलग, सबसे खास बनाता है.
यदि सारे डॉक्टर, ब्यूटीशियन, फिटनेस एक्सपर्ट, कार्डिनेशन से काम करें तो डिक्शनरी से बदसूरत शब्द गायब हो जाएगा और इंसानों की जिंदगी होगी- सुंदर… सुंदर… बेहद सुंदर!